भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी …? 1996 के चारा घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जब पहला अभियोग पत्र दायर हुआ, तब केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस के समर्थन वाली देवगौड़ा सरकार थी। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद को इस मामले में पहली बार सजा हुई, तब भी भाजपा नहीं, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थीदरअसल पिछले दिनों कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लालू यादव को चारा घोटाले में सजा मिलने पर भाजपा सरकार पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था. साथ ही कुछ अन्य नेताओं ने भी लालू को फंसाने की बात कही थी. अब उसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविन्द कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केस करने वाला व्यक्ति शिवानंद तिवारी और वृशन पटेल इन दोनों को राजद पार्टी मे एक को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना करके और दुसरे को सम्मानित करके रखा है। अदालत और जज किसी दल के नहीं होते, फिर भी राजद एक झूठ को बार – बार बोलता रहा है कि उसको भाजपा ने फसाया, जबकि राजद जानता है कि ये उसके करनी का फल हैं।
अरविन्द ने कहा है कि राजद के नेता जिनके साथ आज गलबहियाँ करके अठखेलियाँ कर रहे है, उन्होंने ही अपना लालू यादव से निजी और व्यक्तिगत खुन्नस निकालने का काम किया था। और राजद के लोग दुरंगी और फिरंगी नीतियों से सत्ता सुख के लिए समझौता कर लिया। लालू यादव के खिलाफ 1996 में हाईकोर्ट के आदेश से CBI जांच शुरू की गई। पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के समय 1997 में पहली बार जेल गए। 2013 में पहली सजा सुनाई गई तब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और सरकार यूपीए की थी। लेकिन राजद को अपने साथियों के साथ “गुड़ खाने से मतलब है, गुलगुलों से परहेज है”. उन्होंने कहा कि राजद द्वारा संवैधानिक न्यायिक जांच प्रकिया पर प्रश्नचिह्न लगाकर और न्यायालय की विश्वसनीयता पर ऊँगली उठाकर कोई लाभ नहीं मिलेगा। कयोंकि देश और बिहार की जनता सारे हकीकत और सच्चाई को जानती है।