मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने और उनसे वोट डालने का अधिकार छीनने के भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल की टिप्पणी पर हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने गहरी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल अक्सर इस प्रकार का बयान देकर समाज को हिंदू-मुसलमान में बांटने की कोशिश करते हैं. उन्होंने बचौल को चुनौती देते हुए कहा कि वे मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना कर दिखाएं. इस दौरान उन्होंने भी कुछ कुछ बचौल की तर्ज पर उसी भाषा में कहा कि बचौल को मां ने दूध पिलाया है तो मुसलमानों को दोयम दर्जा का नागरिक बनाएं. रिजवान ने कहा कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की बातें करते हैं तो दूसरी और उनकी पार्टी के विधायक इस प्रकार की समाज को बांटने वाली बेबुनियाद बातें करते हैं. बचौल की तो कोई राजनीतिक हैसियत नहीं होने की बात करते हुए कहा कि बचौल सिर्फ संप्रादायिक बयान देकर अपनी राजनैतिक जमीन तालाश रहें हैं. ऐसे लोग हिंदू मुसलमान करके समाज को बांटते हैं. दरअसल भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि मुसलमानों से वोट का अधिकार छीन लेना चाहिए. ठाकुर का कहना है कि 1947 में धर्म के नाम पर देश का बंटवारा हुआ और उन्हें दूसरा देश मिल गया. मुसलमानों को दूसरे देश जाना चाहिए. अगर वे यहां रह रहे हैं तो मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनका वोटिंग अधिकार वापस ले लिया जाए. वे (मुसलमान) भारत में दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में रह सकते हैं.
ठाकुर का ये बयान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान द्वारा की गई टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि देश में मुसलमानों को उनकी आबादी के आधार पर अधिकार दिया जाना चाहिए. भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि मुसलमान देश में आईएसआई के एजेंडे को चला रहे हैं और वे भारत को इस्लामिक देश बनाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. हरिशंकर ठाकुर ने इस देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक होने से भी इनकार किया और कहा कि संविधान में अल्पसंख्यक जैसा कोई शब्द नहीं है. हालांकि उनके बयान पर कई संगठनों ने आपत्ति जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी के नेता दानिश रिजवान ने जहां बचौल का नाम लेकर उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी की वहीं भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. जायसवाल ने अपने दल के विधायक का नाम लिए बिना कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार मर्यादा में रहकर करना चाहिए. किसी को भी इसका उल्लंघन नहीं करना चाहिए. ऐसे लोगों को भाजपा में कोई जगह नहीं है.