बेगूसराय, 03 मई । केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि लोकतंत्र की सबसे जमीनी एवं सशक्त शासन इकाई पंचायती राज को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का मिशन है कि पारदर्शी जन भागीदारी एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से सशक्त पंचायतें जन कल्याण का नया उदाहरण बने। नरेन्द्र मोदी के कथन ”लीविंग नो सिटिजन बिहाइन्ड” को साकार करने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। आजादी के अमृत काल में ऐसा गांव बनाना चाहते हैं, ऐसा ग्रामीण भारत बनाना चाहते हैं, जिसमें शहरों जितनी सभी सुविधाएं हो, लोगों को नौकरी के लिए शहर नहीं जाना पड़े।
गिरिराज सिंह ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में ग्रामीण अर्थव्यवस्था जीडीपी में करीब 25-30 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। प्रयास है कि अधिक से अधिक गांव समर्थ और आत्मनिर्भर बने, पंचायतों की भूमिका को बढ़ाकर उन्हें और सशक्त बनाया जा रहा है। गांव को समृद्ध करने के लिए मकान, शौचायल, स्वास्थ्य सेवाएं, हर घर नल का जल इत्यादि के साथ महिलाओं के लिए मिशन एक लाख, स्वामित्व, डीआईएलआरएमपी जैसी योजनाओं से भूमि का डिजिटलीकरण भी हो रहा है। पंचायती राज व्यवस्था को और मजबूत बनाने का टास्क (टीएएससी) प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाया गया है। पंचायत के विकास में टेक्नॉलाजी का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के सपनों का डिजिटल पंचायत बनाने के लिए 1.7 लाख ग्राम पंचायत हाई स्पीड भारत नेट से जोड़े गए। ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन के माध्यम से प्लानिंग, बजटिंग और अकाउंटिंग एक्टिविटी की जा रही हैं, जिससे पंचायत स्तर पर पारदर्शिता बेहतर हो रही है। 2.55 लाख ग्राम पंचायत, 5390 ब्लॉक पंचायत और 481 जिला पंचायतों ने 2021-22 के डेवलपमेंट प्लान को ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन के माध्यम से अपलोड किया है। 2.3 लाख ग्राम पंचायत ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन को अकाउंटिंग के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। 2.19 लाख ग्राम पंचायत में भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से हो रहा है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में शुरू किया गया, उसे पांच साल बढ़ाकर 2025-26 तक 5911 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे।
यूनाइटेड नेशन के 2030 तक सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को पूरा करने में भारत महत्वपूर्ण सिग्नेटरी है। पंचायती राज गरीबी मुक्त और रोजगार युक्त गांव, स्वस्थ गांव, पानी पर्याप्त गांव, स्वच्छ और हरा-भरा गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा युक्त गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, बच्चों के लिए अनुकूल गांव, गुड गवर्नेस एवं लैंगिक समानता को साथ जोड़कर सस्टेनेबल पंचायत बनाने को अग्रसर है। प्रधानमंत्री के पांच सौ गीगावाट के सपने को पूरा करने में ग्राम पंचायत प्रमुख भूमिका निभाएंगे। सरकार पंचायतों को रिन्यूएबल एनर्जी पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्राम ऊर्जा स्वराज अभियान शुरू करने जा रही है। पंचायतों को वाइब्रेंट बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन के द्वारा शहरों की तर्ज पर गांवों का मास्टर प्लान होगा।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2018 में शुरू जन योजना अभियान के प्रथम चरण में 2.15 लाख जीपीडीपी तैयार होकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड हुए, दूसरे में 2.44 लाख तथा तीसरे में 2.56 लाख प्लान अपलोड हुए। स्वामित्व स्कीम से भारत और विश्व के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र में विलेज हाउस होल्ड को रिकार्ड ऑफ राइट्स का हक दिया जा रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड की मदद से किसी भी बैंक से अब कम ब्याज पर ऋण मिल सकता है और प्रॉपर्टी पर कब्जा होने का भी डर नहीं है। पंचायत अपने जीपीडीपी की प्लानिंग डिजिटल मैप से आसानी से कर सकते हैं। टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर प्रॉपर्टी कार्ड के माध्यम से अधिक से अधिक सामाजिक सुरक्षा और कानूनी विवाद में कमी होगी। स्वामित्व में ड्रोन मैपिंग जैसी नई तकनीक के माध्यम से 1.29 लाख गांवों में सर्वे कराया जा चुका है, 93 हजार 304 मैप राज्यों को दिए जा चुके हैं। 15 लाख पार्सल डिजिटाइज्ड किए जा चुके हैं।