PATNA: बिहार विधानसभा में आज निबंधन पदाधिकारियों द्वारा निबंधन के दौरान भूमि की प्रकृति बदलने जाने और इसके एवज में लाखों-करोड़ों की वसूली किये जाने का मामला उठा। बीजेपी विधायक विजय कुमार खेमका ने पूरी पोल खोल दी। बीजेपी विधायक के इस गंभीर सवाल के बाद सदन में सरकार घिर गई। स्पीकर विजय सिन्हा ने भी इस मामले संज्ञान लिया और नियम को पारदर्शी बनाने का नियमन दिया। बता दें, बिहार में इस तरह का खेल बड़े स्तर पर चल रहा है। मोतिहारी में एक केस में सरकार को करीब 6 करोड़ के राजस्व का चूना लगा है। हालांकि साल भर बाद भी जिम्मेदार सब-रजिस्ट्रार पर फाइनल कार्रवाई नहीं की गई है।
विस में ध्यानाकर्षण के माध्यम से भाजपा विधायक ने सवाल उठा। उन्होंने कहा कि निबंधन पदाधिकारियों द्वारा क्रेता से मिलीभगत कॉमर्शियल जमीन को आवासीय या खेतीहर भूमि बना दिया जाता है। बदले में अवैध वसूली की जाती है। ऐसे में सरकार को राजस्व की भारी हानी होती है। इस प्रथा पर रोक लगे। साथ ही अब क्रेता-विक्रेता से शपथ पत्र लिया जाये। विधानसभा में जवाब देते हुए निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि 2021-22 में जमीन की गलत श्रेणी दर्ज करने के आधार पर 5527 मामलों को प्रमंडलीय सहायक निबंधन पदाधिकारियों द्वारा 31 करोड़ 19 लाख रू वसूली की गई है। स्थल जांच में गड़बड़ी के आरोप में 9 पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है।
मोतिहारी में सुशासन राज के अफसर दोनों हाथ से लूट रहे। पिछले साल मिलीभगत से सरकार को 6 करोड़ के राजस्व का चूना लगाने का खुलासा हुआ था। न्यूज4नेशन ने इस बड़े मामले का खुलासा किया तो सिस्टम नंगा हो गया। अवर निबंधक पर सत्ताधारी दल के एक नेता से मिलीभगत कर करीब 6 करोड़ की राजस्व चोरी के आरोप प्रमाणित हुए थे। खुलासे के बाद डीएम ने जांच कराई थी और रिपोर्ट सरकार को भेज दिया था। खुलासे के करीब एक साल बीत गए लेकिन न तो दोषी अफसर पर कार्रवाई हुई और न जो राजस्व क्षति हुई थी उसकी भरपाई हुई। सरकार को 6 करोड़ का चूना लगाने वाले से अब तक वसूली की कोई जानकारी नहीं है।
बता दें, माननीय ने अपनी पत्नी के नाम पर करीब 11 बीधे जमीन की रजिस्ट्री कराई थी।अफसर से मिलीभगत कर निबंधन में सरकारी राजस्व की चोरी की गई थी। करोड़ों के सरकारी राजस्व के नुकसान में आरोपी जिला अवर निबंधक पर कार्रवाई को लेकर मोतिहारी डीएम ने पिछले साल ही जांच रिपोर्ट निबंधन विभाग को भेज दी थी। निबंधन विभाग ने रिपोर्ट के आधार पर आगे की क्या कार्रवाई की यह सार्वजनिक नहीं किया गया है।
मोतिहारी के जिला अवर निबंधक विनय कुमार प्रसाद ने सरकार को पांच करोड़ 94 लाख 332 रू राजस्व का नुकसान किया। मामले के खुलासे के बाद मोतिहारी के डीएम ने जांच बिठाई थी। जांच टीम ने पूरे मामले की जांच कर 12 अप्रैल 2021 को अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी। अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के नेतृत्व में बनी जांच टीम ने पाया कि तुरकौलिया की कई बीघा जमीन जो व्यवसायिक-आवासीय थी उसे दो फसला में निबंधन किया। इस वजह से सरकार को भारी राजस्व की क्षति हुई। जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि जमीन को दो फसला बताने से सरकार को 75 लाख 55 हजार 348 रू राजस्व की प्राप्ति हुई। जबकि आवासीय-व्यवसायिक भूमि के तहत निबंधन होता तो सरकार को 6 करोड़ 69 लाख 55 हजार 680 रू की प्राप्ति होती। ऐसे में जिला अवर निबंधक की लापरवाही से बिहार सरकार को 5 करोड़ 94 लाख 332 रू के राजस्व का नुकसान हुआ।
मोतिहारी के अपर समाहर्ता ने 17 जून 2021 को जिला अवर निबंधक से शो-कॉज पूछा था। अपर समाहर्ता ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि तीन दिनों में बिंदूवार आरोपों के संबंध में जवाब दें. डीएम के आदेश पर जो शो-कॉज पूछा गया उसमें कहा गया था कि जांच प्रतिवेदन के अवलोकन से प्रतीत होता है कि आपके द्वारा आवासीय-व्यवसायिक भूमि का निबंधन दो फसला के रूप में किया गया है. जिसके कारण सरकार को राजस्व की क्षति हुई है. राजस्व वसूली में आपके द्वारा बरती गई अनियमितता को सही मानते हुए क्यों नहीं आप के विरुद्ध कानूनी एवं विभागीय कार्यवाही किए जाने का प्रस्ताव निबंधक महा निरीक्षक को रिपोर्ट किया जाए? पत्र प्राप्ति के 3 दिनों के अंदर अपना जवाब दें. आरोपी मोतिहारी के तत्कालीन जिला अवर निबंधक ने जो जवाब सौंपा उसमें सारा ठीकरा अपने दफ्तर के कर्मचारियों पर फोड़ा है। इतने बड़े मामले में अवर निबंधक ने अपना पल्ला झाड़ सारा दोष कर्मचारियों का बता दिया.