भागलपुर।भोलानाथ पुल फ्लाईओवर इशाकचक पहुंच पथ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने पहुंच पथ को लेकर शुक्रवार भोलेनाथ पुल के समीप प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भोलानाथ पुल फ्लाईओवर बने इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। परंतु पुर्वी क्षेत्र के जितने भी इलाके हैं इसमे पहुंच पथ जरूर बने। अन्यथा 5 लाख आबादी वाला क्षेत्र फिर से उसी परेशानी को जूझते रह जाएंगे। उन्हें वही कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जो सदियों से करते आ रहे हैं। बरसात के 4 माह भोलानाथ पुल के नीचे जल जमाव होने से आवागमन बाधित रहता है। हर दिन घंटों जाम लगा रहता है।
इसके बनने से पूर्वी क्षेत्र के लोगों को राहत तब मिलेगी जब भोलानाथ ओवर ब्रिज पुल से संपर्क रास्ता पूर्वी क्षेत्र का भी होगा। इस दौरान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि सरकार के द्वारा भोलानाथ पुल का निर्माण स्वागत योग्य पहल है। क्योंकि यह भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र के आमजनों की लंबी समय से मांग रही थी और इससे न सिर्फ दक्षिणी क्षेत्र के लोग बल्कि पूरे शहरवासी को सहूलियत मिलेगी। परंतु प्रस्तावित फ्लाईओवर में पूरब की ओर पहुंच पथ का प्रावधान नहीं किया गया है और यह एक बहुत बड़ी त्रुटि है। जिन्हें अभी ही दूर करना बेहद आवश्यक है। क्योंकि इसमें सुधार ही अंतिम विकल्प है।
अन्यथा या तो निर्माण के बाद पुनर्निर्माण में करोड़ों अतिरिक्त रुपयों की बर्बादी होगी या न सिर्फ नगर निगम क्षेत्र के बल्कि नाथनगर विधानसभा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की कुल पांच लाख की बड़ी आबादी जहां के आमजनों की यहां से कनेक्टिविटी है, उन्हें परेशानी का सामना करते रहना पड़ेगा। सरकार के जिम्मेदार लोगों ने अब तक इस ओर कोई सकारात्मक पहल नहीं किया है। जिसको लेकर आज इशाकचक के स्थानीय लोगों के द्वारा भोलानाथ पुल के नीचे धरना-प्रदर्शन किया गया।जहां स्थानीय लोगों के साथ धरना-प्रदर्शन पर बैठकर उनका समर्थन किया।
साथ ही अपनी सीमित क्षमताओं व मिले बेहद कम संवैधानिक अधिकारों के बावजूद उनकी जायज मांग को लेकर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री महोदय एवं पथ निर्माण मंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए उनसे पत्राचार कर हर संभव प्रयास करुंगा कि यह जायज मांग पूरी हो। इसी बाबत आज भोलानाथ पुल फ्लाईओवर इशाकचक पहुंच पथ संघर्ष समिति ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आंदोलन किया।प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रुप से पूर्व क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।