राजनाथ सिंह जी ने फिर एक बार साबित किया है कि वो सिद्धांतों के पक्के आदमी हैं जी हां पंकज सिंह का कैबिनेट मंत्री बनना तय था लेकिन जैसे ही राजनाथ सिंह को लिस्ट के बारे में पता चला उन्होंने उस लिस्ट से पंकज सिंह का नाम कटवा दिया।राजनाथ सिंह ऐसे राजनेता हैं जो लोकलाज़ की बहुत परवाह करते हैं उन्होंने सोचा होगा कल को लोग कहेंगे बाप भी मंत्री और बेटा भी मंत्री..!
जो लोग राजनाथ सिंह पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते हैं उन्हें ये याद होना चाहिए कि पंकज सिंह ने 2002 से बीजेपी के विभिन्न पदों पर रहकर संगठन की सेवा की है राजनाथ सिंह ने आज तक को दिए अपने इंटरव्यू खुद कहा था कि मैं 2 बार बीजेपी का अध्यक्ष रहा अगर चाहता तो पंकज को विधायकी, सांसदी का टिकट दे सकता था (आप लोग को बता दू उस समय मोदी शाह युग नही था )
अटल जी ने खुद कई बार पंकज को चुनावी राजनीति में उतारने को कहा लेकिन मैंने हर बार मना कर दिया कि नहीं पंकज को बीजेपी में और मेहनत करनी चाहिए। और जब 15 साल तक संगठन की उसने सेवा की तो उसे बीजेपी ने टिकट दे दिया।
और अभी पंकज के छोटे भाई नीरज पिछले 10-12 सालों से बीजेपी संगठन में काम कर रहे हैं। जहां आज एक राजनेता किसी बड़े पद पर जाते ही तुरंत अपने बेटों को सेट करने की सोचता है वहां राजनाथ सिंह का राजनैतिक जीवन में इतना सिद्धांतवादी होना सुखद है।