बिहार को नहीं मिला पदक : राष्ट्रीय खेल में बिहार को एक भी पदक नहीं मिलने पर क्रीड़ा भारती ने व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाया है। खेल क्षेत्र में ग्रामीण स्तर से खेल प्रतिभा को खोजने एवं निखारने में लगे सबसे बड़े गैर सरकारी संगठन क्रीड़ा भारती के उत्तर बिहार प्रांत मंत्री अमित ठाकुर ने कहा है कि बिहार की इस शर्मनाक प्रदर्शन के लिए खेल विभाग जिम्मेदार है।
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की स्थिति गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेल से स्पष्ट हो गई है।
हम एक भी स्वर्ण पदक ही नहीं, रजत पदक भी नहीं जीत पाए।
खेल के प्रति प्रयास को गहरा धक्का लगा है,
यदि अब भी सही कदम नहीं उठाया तो बिहार स्थिति और बदतर होगी।
उन्होंने कहा कि क्रीड़ा भारती बिहार के इस निराशाजनक प्रदर्शन से हतप्रभ है।
खेल मंत्रालय अभी भी अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागी तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि-
देर से ही सही खेल मंत्रालय को इस लचर प्रदर्शन पर समीक्षा करने की आवश्यकता है।
खेल मंत्रालय अविलंब सभी जिला प्रशासन को स्टेडियमों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए निर्देशित करे।
बिहार में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है,
यदि बिहार सरकार खानापूर्ति नहीं कर वास्तव में खेल के प्रति प्रतिबद्धता से प्रयास करे, खिलाड़ियों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराए, प्रोत्साहित करे तो हमारी स्थिति बदल सकती है।
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प्रांत मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत-
सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में खेल के साथ शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
क्रीड़ा भारती सभी खेल संघों से भी आह्वान करती है-
कि बिहार में खेल प्रतिभा खोज के लिए सब मिलकर सरकार को सहयोग करें, तभी यह तस्वीर बदलेगी।
आवश्यकता है कि सभी सांसद एवं विधायक अपने-अपने निधि से ही कुछ कारगर उपाय करें,
जिससे बिहार भी खेल पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करे।
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