नागपुर, 20 मई । नागपुर के रेशिमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में विगत 9 मई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सर्वोच्च प्रशिक्षण संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष (ओटीसी तृतीय वर्ष) का शुभारंभ हुआ। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों के 735 स्वयंसेवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। भिन्न संस्कृति, खानपान और भाषा के बावजूद यह सभी स्वयंसेवक राष्ट्रीय एकात्मता के सूत्र में एकसाथ दिखाई दे रहे हैं।
संघ की स्थापना के दो वर्षों बाद वर्ष 1927 में नागपुर में महल स्थित केंद्रीय कार्यालय के पास पुराने मोहिते वाड़ा में पहला संघ शिक्षा वर्ग हुआ था। कुल 40 दिनों के उस वर्ग में 17 स्वयंसेवक शामिल हुए थे। तब से प्रतिवर्ष संघ शिक्षा वर्ग निरंतर रूप से चल रहा है। केवल 1948 और 1977 में संघ पर लगे प्रतिबंध और कोरोना के चलते 2020-21 में वर्गों का आयोजन नहीं हो सका था। नतीजतन कोरोना के बाद पहली बार हो रहे आयोजन की वजह से स्वयंसेवकों में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
इस वर्ग में शामिल प्रशिक्षणार्थियों की मातृभाषा अलग-अलग है, लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रभाव, श्रद्धा और समर्पण के चलते यह सारे स्वयंसेवक एक दूसरे से ऐसे घुलमिल गए हैं जैसे कई वर्षों से एक-दूसरे से परिचित हों। इन 735 शिक्षार्थियों के अलावा इस वर्ग में 35 प्रांतों के प्रमुख और 96 शिक्षक भी शामिल हुए हैं। यह सभी एकता के सूत्र में बंधे हैं। इस संघ शिक्षा वर्ग में मिल रहे प्रशिक्षण से लाभान्वित स्वयंसेवकों का शनिवार (21 मई) को नागपुर में पथसंचलन निकलेगा। इसमें ये स्वयंसेवक अनुशासन और एकात्मभाव का परिचय देंगे। वहीं आगामी 2 जून को इस वर्ग का समापन होगा।
प्रशिक्षण वर्ग की व्यवस्था से जुडे संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत इस वातावरण में शामिल यह स्वयंसेवक दिल में राष्ट्रभक्ति की ज्योति जलाकर अपने-अपने घरों को लौटेंगे। वर्ग में मौजूद शिक्षकों ने भी विश्वास जताया कि इन स्वयंसेवकों के मन में प्रज्ज्वलित राष्ट्र चेतना का दीपक विविधता में एकता के संदेश को साकार करेगा।