नई दिल्ली , 16 अप्रैल । राजधानी दिल्ली में आपराधिक मामलों की जांच और वैज्ञानिक साक्ष्य इक्ट्ठा करने के लिए दिल्ली पुलिस फंक्शन फॉरेंसिंक लैब, फरैंसिंक वर्क स्टेशन और डेटा एक्टिवेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने जा रही है। इसमें खासबात यह है कि इसका उपयोग सिर्फ राजधानी के साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जांच के लिए ही नहीं किया जाएगा, बल्कि अन्य दूसरे तरह के अपराध की जांच में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
वहीं अधिक्तर मोबाइल फोन, लैपटाप का इस्तेमाल अपराधी सिर्फ साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए नही करते हैं, बल्कि अन्य दूसरे अपराधों में भी इन डिवाइस का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में इन डिजिटल डिवाइसेज के जरिये डिजिटल साक्ष्य इक्ट्ठा करने पर दिल्ली पुलिस जोर दे रही है। इसलिए डिजिटल जांच को देखते हुए इन तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है।
यह फायादा होगा जांच में इन टूल्स की मदद से जिले में ही जांच अधिकारी किसी भी मोबाइल की एनालिसिस कर सकते है। साथ ही डिलीट किए गए साक्ष्य को रिकवर कर सकते है इतना ही नही टावर लोकेशन, डंप डाटा व सीडीआर सहित अन्य दूसरे तरह के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को इक्ट्ठा करने में भी मदद मिलेगी। पहले इसके लिए साइपैड की मदद लेनी पड़ती थी, लेकिन पुलिस मुख्यालय की तरफ से जिले के साइबर सेल को ये टूल्स दिए गए हैं तो अब जिले में ही इसकी जांच हो जाएगी।
तीन लेयर में चल रहा है काम फंक्शन फॉरेंसिंक लैब, फरैंसिंक वर्क स्टेशन, डेटा एक्टिवेशन डिवाइस से अब सिर्फ राजधानी की साइबर यूनिट-साइपैड ही नहीं बल्कि जिलों की साइबर सेल्स भी लैस होगी। डिजिटल साक्ष्य को पुख्ता करने के लिए तीन लेयर में काम चल रहा है। दिल्ली के द्वारका सेक्टर-16 में साइपैड बनाया गया। दूसरा हर जिले में साइबर सेल इकाई स्थापित की गई है और अब डिजिटल साक्ष्यों को इक्ट्ठा करने के लिए साइबर टूल्स भी जिले की साइबर यूनिट को मुहैया कराए जा रहे हैं।
इसके अलावा जिला साइबर सेल की टीम साइबर के साथ ही थानों के साइबर अपराध मामले की जांच में भी खुद के थाने में बैठकर भी ऑनलाइन साइपैड के विदेशी टूल्स का इस्तेमाल कर सकेंगे। विदेशी टूल्स ऐसे हैं कि सीसीटीवी में ग्रैब में गाड़ी के नंबर को भी बड़ा करके दिखा देंगे और अपराधी का पता दे देंगे। वहीं जांच अधिकारी को अब ये डिवाइस फारेंसिक साइंस लैब में नहीं भेजने पड़ेगे और जांच शुरू होते ही अधिकारी को केस के लिए लीड मिल जाएगी।
यह कहते हैं साइबर अपराध के आंकड़े
वर्ष-2020, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—37,280
वर्ष-2019, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—-23,300
वर्ष-2018, 31 दिसम्बर तक
कुल शिकायतें—-13,200