केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट बताया कि शराब कारोबारी भगौड़ा विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 18000 करोड़ रुपए बैंकों को लौटा दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पीएमएलए के प्रावधानों के चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान केंद्र ने कोर्ट में पीएमएलए के प्रावधानों को बचाव भी किया।
सुप्रीम कोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम के मामलों में 67,000 करोड़ रुपए के मामलों के केस लंबित हैं। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच ने सुनवाई की। वहीं, केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा।
उदाहरण के तौर पर, केंद्र ने यूके का हवाला दिया, जहां एक साल में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 7,900 मामले दर्ज किए गए हैं, अमेरिका (1,532), चीन (4,691), ऑस्ट्रिया (1,036), हांगकांग (1,823), बेल्जियम (1,862) और रूस (2,764)। केंद्र सरकार ने कोर्ट से बताया कि भारत में, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से 4,700 PMLA मामलों की जांच की जा रही है और अदालत के समक्ष लंबित अपराधों की कुल आय 67,000 करोड़ है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले पांच साल (2016-17 से 2020-21) में ऐसे अपराधों के लिए 33 लाख एफआईआर दर्ज किए गए हैं। लेकिन इसमें से केवल 2,086 को जांच में शामिल किया।