आरा,12 मार्च।भोजपुर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की सुविधा के साथ साथ खेतों में किट पतंग को खत्म करने की दिशा में नए प्रयोग करने में जुट गया।कृषि विज्ञान केंद्र ड्रोन के माध्यम से खेतों में होने वाली बीमारियों का पता लगाएगा और खेतों में लहलहाती फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले किट पतंगों से भी बचाएगा।ड्रोन के माध्यम से खेतों में उर्वरक एवं कीटनाशक का छिड़काव भी किया जाएगा।सरकार ड्रोन से छिड़काव को लेकर तरल उर्वरक और कीटनाशक की सुलभ व्यवस्था भी कराएगी।इससे किसानों को शारीरिक मेहनत से तो मुक्ति मिलेगी ही साथ ही समय की भी काफी बचत होगी।
कृषि विज्ञान केंद्र के हेड एवं वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके द्विवेदी ने शनिवार को बताया कि अगले दो महिनो के भीतर जिले को बड़ी क्षमता का ड्रोन मिलेगा।उन्होंने बताया कि अगले खरीफ फसलों के अच्छे परिणाम के लिए अब खेतों में ड्रोन की मदद ली जाएगी।कृषि क्षेत्र में बढ़ते वैज्ञानिक तरीकों को ध्यान में रखते हुए अब ड्रोन खेतो की निगरानी करेगा।ड्रोन किसानों को खेतों में उनकी फसलों में आई खराबी की जानकारी भी दे देगा।यह खेतों की चौहदी,फसलों की बीमारी,जमीन के माप आदि कई तरह की जानकारी किसानों को दे देगा जिससे किसान समय पूर्व फसलों की रक्षा कर सकेंगे।भोजपुर जिले का कृषि विज्ञान केंद्र आगामी 31 मार्च तक खेतो में ड्रोन आधारित खेती से जुड़े प्रस्ताव सरकार को भेज देगा।केंद्र सरकार ने बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों को ड्रोन की खरीद के लिए तीन करोड़ 80 लाख रुपये की राशि आवंटित कर दी है।
जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने शनिवार को बताया कि ड्रोन आधारित खेती से किसानों को परंपरागत खेती से छुटकारा मिलेगा और अत्याधुनिक खेती से किसान धनवान होंगे।उन्होंने बताया कि बड़े क्षेत्रफल वाले खेतों में भी ड्रोन बहुत ही कम समय मे फसलों पर कीटनाशक, दवा और उर्वरक का छिड़काव कर देगा।ड्रोन के माध्यम से 20 मिनट में साढ़े तीन एकड़ जमीन पर स्प्रे किया जा सकेगा।जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जल्द ही कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एक कमिटी बनाई जाएगी और किसानों को खेती के लिए भाड़े पर ड्रोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।ड्रोन में दस लीटर दवा, कीटनाशक और उर्वरक भरने के लिए क्षमता निर्धारित है।दस लीटर की टंकी से युक्त ड्रोन खेतों में अपना जलवा दिखायेगा।टंकी खाली होने पर ड्रोन स्वयं वापस आकर कीटनाशक,दवा और उर्वरक भर सकेगा।ड्रोन में शक्तिशाली सेंसर और कैमरा लगा होगा जिससे वैज्ञानिक तरीके से खेती की हर एक जानकारी मिल जाएगी और उसके आधार पर खेती करके कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकेगी।