पटना. पटना हाईकोर्ट ने गैरकानूनी तरीके से हटाए गए मोतिहारी के लोक अभियोजक (पीपी) जय प्रकाश मिश्र को अदालत के आदेश के बाद भी अभी तक पद पर बहाल नहीं किये जाने के मामले में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है। जस्टिस पी बी बजन्थरी ने मोतिहारी के लोक अभियोजक जयप्रकाश मिश्रा द्वारा दायर अवमानना के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि विधि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार शर्मा को खुद ही पहल कर अदालती आदेश का पालन कराना चाहिए था। कोर्ट का कहना था कि विधि विभाग के संयुक्त सचिव को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने उनसे यह पूछा था कि अदालती आदेश की अवहेलना के मामले में क्यों नहीं उन्हें जिम्मेवार माना जाय। कोर्ट ने सरकारी वकील को स्पष्ट रूप से कहा था कि अवमानना का यह मामला दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध दायर किया गया है, इसलिये इस मामले को लेकर जिम्मेदार व्यक्ति को स्वयं अदालत में अपना जवाब देना होगा कि उसने अदालती आदेश का पालन निर्धारित अवधि में क्यों नहीं किया। पूर्व में कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि इस मुकदमे से संबंधित संचिका मुख्यमंत्री के यहां लंबित है, इसलिए इसमें अदालती आदेश का पालन नहीं हो सका है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए विधि विभाग के संयुक्त सचिव को 21 दिसंबर, 2021 को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता की बर्खास्तगी के आदेश को एक सप्ताह में वापस लेते हुए तत्काल प्रभाव से इनकी नियुक्ति मोतिहारी के पीपी के पद पर करने का पत्र जारी कर दें।अदालती आदेश में दिए गए निर्धारित अवधि के बीत जाने के बाद भी जब याचिकाकर्ता की नियुक्ति नहीं की गई, तो अदालती आदेश की अवमानना का यह मामला दायर किया गया था। इस मामले पर आगे की सुनवाई अब दस दिनों में की जाएगी।
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