पटना/नवादा, 20 मई ।नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री राज बल्लभ प्रसाद को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली। जिससे उनके परिजनों व समर्थकों में मायूसी देखी जा रही है। 21 दिसंबर 2018 को नवादा विधायक रहते इन्हें उम्र कैद की सजा मिली थी। एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा इन्हें यह सजा दी गई थी। पटना उच्च न्यायालय में पिछले सप्ताह ही जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह तथा हरीश कुमार की खंडपीठ में जमानत याचिका पर सुनाई हुई थी। पूर्व मंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील संजीव सहगल और सरकार की ओर से स्पेशल पीपी श्यामेश्वर दयाल ने दलीलें दी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। शुक्रवार को फैसला आने के बाद पूर्व मंत्री के समर्थकों में मायूसी छा गई।
नालंदा की 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में महिला थाने में 9 फरवरी 2016 को अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। 6 फरवरी 2016 की घटना बताई गई थी। अनुसंधान के क्रम में पीड़िता ने आरोपित के रूप में तब के नवादा विधायक राजबल्लभ यादव की पहचान की थी। इसी के आधार पर तत्कालीन पटना डीआईजी शालिन ने विधायक की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। करीब एक माह तक फरार चल रहे विधायक ने नाटकीय अंदाज में मार्च 2016 में ही बिहारशरीफ कोर्ट में खुद सरेंडर कर दिया था। तब से लगातार जेल में बंद हैं। हालांकि, सजायाफ्ता होने के पूर्व हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। लेकिन, नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद कर दिया था। तब फिर से उन्हें सरेंडर करना पड़ा था। इस प्रकार छह साल से ज्यादा वक्त से वे जेल में हैं।
उच्च न्यायालय से जमानत की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब वे सुप्रीम कोर्ट जाते हैं या नहीं आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल, समर्थकों व परिजनों में मायूसी छा गई है। हालांकि उनकी विधायक पत्नी विभा देवी ने कहा है कि न्याय के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।