भूपेंद्र-नित्यानंद की जोड़ी को गृह मंत्री अमित शाह का आशीर्वाद प्राप्त है. भले ही यह जोड़ी बिहार की किसी सीट पर वोट ट्रांसफर नहीं करा सकती है, लेकिन अगले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी नित्यानंद राय की खूब चलेगी. अध्यक्ष के चयन में चाहे जिसका चले, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी को बेहतर ढंग से कौन चला पायेगा?उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव संपन्न होते ही बिहार भाजपा में नये कमांडर को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गयी है. दावेदार पटना से दिल्ली तक दौड़ लगाने लगे हैं. इधर कार्यकर्ताओं की जुबान पर कई तरह के सवाल हैं. नया कमांडर अगड़ा होगा या पिछड़ा? दलित होगा या सवर्ण? राजपूत या भूमिहार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जायेगा? क्या मुकेश सहनी को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किसी ‘सन आफ मल्लाह’ की ताजपोशी होगी? राजनीतिक पंडित अलग-अलग तर्र्कों के आधार पर विभिन्न जातियों के कद्दावर नेताओं के नाम पर कयास लगा रहे हैं.
समर्थकों की जुबान पर कई नाम हैं. कोई इस मुगालते में न रहे कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से निर्वाचित अध्यक्ष कमान संभालेंगे. भले ही भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रिया से संगठनात्मक चुनाव का ढिंढ़ोरा पिटेगी, अंदरखाने मंडलों से लेकर राज्य मुख्यालय तक अध्यक्ष थोपे जायेंगे. याद रखने वाली बात यह भी है कि पिछली बार संगठनात्मक चुनाव के आरंभ में डाॉ संजय जायसवाल के नाम की कोई चर्चा नहीं थी. अमित शाह एक बार फिर कोई ऐसा चेहरा सामने ला सकते हैं, जिसके नाम की कहीं दूर-दूर तक चर्चा नहीं हो.
बिहार में भाजपा का ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू ही होनेवाला है. विश्व की सबसे बड़ी कैडर आधारित पार्टी कहलाने के लिए बड़े-बड़े लक्ष्य घोषित किये जायेंगे. लक्ष्य पूरा हो न हो, पार्टी फंड में लक्ष्य के अनुपात में सदस्यता शुल्क के पैसे जमा हो जायेंगे. पंचायतों, मंडलों और जिलों में संगठनात्मक चुनाव कराते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव कराया जायेगा. यह सब कागज पर लिखित चुनावी प्रक्रिया है. पिछली बार अलग-अलग इकाइयों के लिए तय सदस्यता (कोरम) पूरी नहीं होने पर भी चुनाव व इकाई गठन की औपचारिकता पूरी की गयी. चुनावी वर्ष की दुहाई देकर ऊपर से नीचे तक अध्यक्षों के नाम घोषित कर दिये गये. मंडलों में अध्यक्ष उन्हें बनाया गया, जिन्हें पूर्व या वर्तमान भाजपा विधायक पसंद करते थे.
इसी तरह जिला में अध्यक्ष का ताज उसे मिला, जिसे प्रदेश नेतृत्व पसंद करता था. कभी सुशील कुमार मोदी नंदकिशोर यादव और राधामोहन सिंह के दबदबे वाली कोर कमेटी अध्यक्ष का नाम तय कराती थी. अब बिहार भाजपा प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ), केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय), सह-प्रभारी हरीश द्विवेदी , बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री (संघ के पर्यवेक्षक) भिखूभाई दलसानिया की राय से नया प्रदेश अध्यक्ष तय होगा. भूपेंद्र यादव बिहार भाजपा के चाणक्य और नित्यानंद राय उनके चंद्रगुप्त कहे जाते हैं. इस चंद्रगुप्त के लिए दुर्भाग्यवश बिहार विधानसभा चुनाव 2020 सकारात्मक नहीं रहा.