माॅनसून ने किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें
मोतिहारी मानसून के मौसम में सूखे के हालात और…
अब माॅनसून के विदा होने के वक्त में बेमौसम झमाझम बारिश जिले के किसानों के लिए आफत लेकर आया है।
गलत समय पर हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान होने के अनुमान से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिंचता दिख रहा है।अगामी रबी फसल की तैयारी और बुआई को लेकर उनके सामने अनिश्चितता का अंधकार छाता दिखने लगा है।
हमारे चैनल को देखने के लिए यहाँ क्लिक करे Youtube
ऐसे ही और लेटेस्ट खबर देखने के लिए लाइक करे हमारे फेसबुक पेज को |
माॅनसून ने किसानों कि बढाई चिंता
पिपरा कोठी कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक नेहा पारिख ने बताया कि-
माॅनसून के महीने जून से सितंबर तक जिले में समान्य बारिश 1056.4 मिमी.के बदले महज 726.4 मिमी.दर्ज की गई है।
जो समान्य बारिश से लगभग 32 प्रतिशत कम है।जिससे खरीफ के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।वही जब माॅनसून की विदाई हो जाती है यानी अक्टूबर के शुरूआती सप्ताह में ही 40.2 मिमी.वर्षा रिकार्ड किया गया है।जिससे खरीफ के तैयार फसलों के साथ अगामी रबी फसलों की तैयारी पर भी काफी बुरा असर पड़ सकता है।कृषि वैज्ञानिकों की माने तो जिले में अक्टूबर माह में हुई जोरदार बारिश से तेलहन,दलहन आलू,मक्का व सब्जी के खेती पर काफी असर पड़ सकता है।
महिला पर लगा बच्ची को मारने का आरोप
माॅनसून ने किसानों कि बढाई चिंता
सबसे दुखद पहलु यह है कि पूर्वी चंपारण जिले में अव्यवस्थित ढंग से बहने वाली दर्जनो नेपाली नदियाँ नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रो में बारिश होते ही बाढ का कहर जिले के किसानो पर थोप देती है।
हालांकि इस बार माॅनसून के समय ऐसा नही हुआ है-
लेकिन अब अक्टूबर माह में नेपाली नदियों का पानी..
न केवल तैयार फसलों को डुबो रही है बल्कि अगामी फसलों पर भी ग्रहण लगाते दिख रही है।
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है।
जो लगातार कृषि पर संकट पैदा कर रहा है।बहरहाल आगे क्या होगा?इस सोच ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दिया है।
जुड़े रहिये हमारे साथ लेटेस्ट बिहार खबर के लिए हर एक बिहार की
नई ताज़ा और सच्ची जानकारी से जुड़े रहने के लिए देखिए Biharikhabar