देवी सुरेश्वरी भगवती गंगे
बिहार के इकलौते कल्पवास स्थल सिमरिया का गंगा तट एक बार फिर गंगा महाआरती से गूंज उठा है।
कुंभ सेवा समिति के बैनर तले बुधवार की रात वाराणसी से आए-
आचार्यों की टोली ने गंगा की स्तुति-
”देवी सुरेश्वरी भगवती गंगे, भुवन तारिणी तरल तरंगे” का सस्वर गायन शुरू किया तो सिर्फ गंगा तट पर रहने वाले कल्पवास ही नहीं, आसपास का पूरा वातावरण मां गंगा की भक्ति में लीन होकर झूमने लगा।
भुवन तारिणी तरल तरंगे”
पूजन एवं मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुए आरती में आचार्यों की टोली ने स्तुति के बाद वाराणसी की तर्ज पर मनमोहक तरीके से गंगा माता की आरती किया।
आचार्य राममणि शर्मा के नेतृत्व में उपेन्द्र त्रिपाठी, नरेन्द्र पाठक, विनय अग्निहोत्री, एवं बृजेश तिवारी सहित अन्य पंडितों ने मनमोहक आरती प्रस्तुत किया, जिस पर श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गए।
इससे पूर्व आरती का शुभारंभ सर्वमंगला सिद्धाश्रम के संस्थापक स्वामी
चिदात्मन जी, विभिन्न खालसा के-
महंत वैष्णव दास, महंत जानकी बल्लभ दास, महंत राधा मोहन दास हीरा जी, महंत रामेश्वर दास, महंत राजाराम दास, महंत रामाधीन दास, महंत वीरेन्द्र दास, महंत हरेकृष्ण दास,
कुंभ सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. नलिनी रंजन सिंह, महासचिव रजनीश कुमार
एवं प्रो. अशोक कुमार सिंह अमर आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
प्रथम दिन की आरती के मुख्य यजमान थे डॉ. अशोक कुमार गुप्ता एवं डॉ. रंजना सिन्हा।
गूंज उठा सिमरिया
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के महासचिव एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री रजनीश कुमार ने कहा-
कि प्रबुद्ध लोगों द्वारा डॉ. नलिनी रंजन सिंह की अध्यक्षता में बनी कुंभ सेवा समिति द्वारा 2011 से यहां लगातार महाआरती का आयोजन किया जा रहा है।
कोरोना के कारण 2020 और 2021 में आरती नहीं हो सका, लेकिन अब फिर से यह अद्भुत कार्यक्रम शुरू हो गया है
तथा आठ नवम्बर तक लगातार वाराणसी से आए 11 आचार्यों की टोली आरती करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक आध्यात्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गंगा मैया
और उनके तट को स्वच्छ रखने तथा पवित्र सिमरिया धाम के सांस्कृतिक चेतना का प्रचार एवं प्रसार का एक उपक्रम है।
जिससे सिमरिया धाम का समुन्नत एवं समेकित विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके।
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महाआरती के माध्यम से संदेश दिया जाता है कि कल्पवासी एवं दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए-
हम गंगा तट को स्वच्छ और गंगा को निर्मल रखें।
निर्णय लिया गया है कि गंगा महाआरती के साथ-साथ इस अभियान में कल्पवास क्षेत्र में होने वाले संत-श्रद्धालुओं के लिए प्रशासनिक व्यवस्था को जमीन पर लागू करें।
2017 में कुंभ का शुभारंभ करने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आश्वासन दिया था-
कि यहां पुल निर्माण होते ही पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा।
जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
उम्मीद है कि पूरे भारत में कार्तिक कल्पवास के लिए चर्चित यह सिमरिया गंगा धाम 2023 मे राष्ट्रीय स्तर पर और प्रभावी होकर विख्यात होगा।
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